15th July 2013 saw the discontinuation of 163 year old 'Telegram' services in India;
will just be one of those things in the history of communication,
we read about.
will just be one of those things in the history of communication,
we read about.
Over and out, done in by modern technology !!
Times of India/15th July 2013/covering reports of emotional response of public on 14th July |
Those who have known the pain and pleasure of
receiving and dispatching news--
happy or sad--through the telegram......
it's sad to bid adieu !!
receiving and dispatching news--
happy or sad--through the telegram......
it's sad to bid adieu !!
Times of India/15th July 2013/covering reports of emotional response of public on 14th July |
The surprise element made telegram the most welcome and dreaded piece of communication.
Important messages from yesteryear through Telegram
are now dear souvenir papers to preserve
for the good old memories.
Important messages from yesteryear through Telegram
are now dear souvenir papers to preserve
for the good old memories.
पंद्रह जुलाई से टेलीग्राम सुविधा निरस्त कर दी गई ।
लगभग 163 वर्षों तक संचार का तीव्रतम साधन रही सुविधा को टेक्नोलोजी ने समाप्त कर दिया।
....डाकघर में खिड़की से झांककर यह देखना अजीब रोमांच देता था कि एक आदमी
अपनी उंगली से एक छोटी मशीन पर 'टक टक टका टक' ध्वनियाँ पैदा करता है
और हजारों मील ध्वनि तरंग जाकर सन्देश दे रहा है।
ध्वनि माध्यम से सन्देश देने के दृश्य में काव्यात्मकता थी
वह मोबाईल के प्राणहीन सन्देश की तरह सूखा, संवेदनहीन और गैर रोमांटिक नहीं था।
....दर असल, प्रगति के रथ के नीचे अनेक कोपलें नष्ट हो जाती हैं ....
लगभग 163 वर्षों तक संचार का तीव्रतम साधन रही सुविधा को टेक्नोलोजी ने समाप्त कर दिया।
....डाकघर में खिड़की से झांककर यह देखना अजीब रोमांच देता था कि एक आदमी
अपनी उंगली से एक छोटी मशीन पर 'टक टक टका टक' ध्वनियाँ पैदा करता है
और हजारों मील ध्वनि तरंग जाकर सन्देश दे रहा है।
ध्वनि माध्यम से सन्देश देने के दृश्य में काव्यात्मकता थी
वह मोबाईल के प्राणहीन सन्देश की तरह सूखा, संवेदनहीन और गैर रोमांटिक नहीं था।
....दर असल, प्रगति के रथ के नीचे अनेक कोपलें नष्ट हो जाती हैं ....
*साभार: जयप्रकाश चौकसे/दैनिक भास्कर/ 14 जून 2013/बेतार के तार को श्रधांजलि !!
A Morse key |
The telegram sent by Samuel F. B. Morse from the Capitol in Washington to Alfred Vail in Baltimore in 1844: "What hath God wrought" |
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